मैक्लॉडगंज,मैक्लोडगंज, मैकलोड, मकलोडगंज, इत्यादि नामों वाला मैकलोडगंज भारत के हिमाचल प्रदेश राज्य के काँगड़ा ज़िले में स्थित धर्मशाला नगर का एक उपनगर है। इसमें चीन के तिब्बत पर कब्ज़े के बाद आए कई विस्थापित तिब्बतियों का निवास है, जिस कारणवश इसे कभी-कभी छोटा ल्हासा या धर्मशाला और ल्हासा मिलाकर धासा नाम से भी पुकारा जाता है। यहाँ तिब्बत की निर्वासन सरकार का मुख्यालय भी है। यहाँ दलाई लामा भी विराजमान हैं। मैकलोडगंज की समुद्र तल से औसत ऊंचाई २०८२ मीटर (६,८३१ फीट) है तथा यह धौलाधार पर्वतश्रेणी में स्थित है, जिसका उच्चतम शिखर, हनुमान टिब्बा, लगभग ५,६३९ मीटर (१८, ५००फीट) ऊंचा है। मैकलोडगंज तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा का घर होने के कारण दुनिया भर में प्रसिद्ध है और चारों ओर पहाड़ियों के बीच स्थित, मैक्लोडगंज प्राचीन तिब्बती और ब्रिटिश संस्कृति से घिरा हुआ है। मैकलोडगंज एक बहुत ही खूबसूरत और मन मोहने वाला हिल स्टेशन है। यहाँ की सुन्दरता देखने लायक है। अगर आप भीड़ भाड़ से दूर कुछ पल सुकून के बिताना चाहते है, तो यह जगह स्वर्ग के समान है।
मैकलोडगंज का इतिहास :
1885 में जब भारत में ब्रिटिश साम्राज्य का शासन था, तब हिमालय की पश्चिमी सीमा के पास धौलाधारों में विभिन्न बस्तियों की स्थापना की गई थी। सन् १८४९ में आंग्ल-सिक्ख युद्ध के दौरान रहे लेफ्टिनेंट गवर्नर डेविड मैकलियोड के नाम इस स्थान का नाम मैकलोडगंज रखा गया था। लॉर्ड एल्गिन सन् १८६२ से १८६३ तक भारत के ब्रिटिश वायसराय थे। जब उन्होनें इस जगह का भ्रमण किया, तो उन्हें यह जगह स्कॉटलैंड में स्थित अपने गृहनगर की याद दिला देता था। इसलिये इस स्थान का नाम मैकलोडगंज रखा गया। सन् १८६३ में लॉर्ड एल्गिन की मृत्यु के बाद उनके पार्थिव शरीर को सेंट जॉन्स चर्च इन वाइल्डरनेस में दफनाया गया, जो अब फोर्सिथगंज में स्थित है।सन् १९०५ में एक बहुत खतरनाक भूकम्प इस पहाड़ी क्षेत्र में आया था, जिसने मैकलोडगंज के साथ-साथ पूरे कांगड़ा को तहस नहस करके रख दिया। लेकिन बाद में दलाई लामा ने फिर से इस शहर को पुनर्जीवन दिया।
दर्शनीये स्थल :
मैकलोडगंज, धर्मशाला क्षेत्र का ऊपरी भाग है, जहाँ आप मैकलोडगंज घूमने के साथ साथ कई तरह के दर्शनीये स्थल घूम सकते है। जैसे,
भागसू फॉल्स :
भागसू फॉल्स, मैकलोडगंज का एक बेहतरीन और खूबसूरत पर्यटन स्थल है, जो यहाँ आने वाले पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। भागसू फॉल्स, मैकलोडगंज और धर्मशाला को जाने वाली सड़क पर स्थित है। जो लोग प्रकृति के करीब रहते है और जो लोग सुकून के कुछ पल बिताना चाहते है, उनके लिए भागसू फॉल्स एक बहुत ही आदर्श जगह है।
नामग्याल मठ :
नामग्याल मठ, मैकलोडगंज का एक खूबसूरत और तिब्बतीयों का आस्था का प्रमुख केन्द्र है। नामग्याल मठ, आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा का निवास स्थान और तिब्बतीयों का सबसे बड़ा मन्दिर है। इसकी नींव १६ वीं शताब्दी रखी गई थी। इस समय नामग्याल मठ में ७०० के करीब बौद्ध भिक्षु है, जो मठ की प्रथाओं, कौशल और परंपराओं की रक्षा करने की दिशा में काम कर रहे हैं।
भागसुनाग मंदिर :
भागसुनाग मंदिर, मैकलोडगंज से लगभग 3 किलोमीटर की दूर और समुद्र तल से १७७० मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। इस मन्दिर का निर्माण राजा भागसू ने कराया था और यह मन्दिर भगवान शिव और स्थानीय देवता भागसू नाग को समर्पित है। यह यहाँ का एक प्राचीन मन्दिर है। इस मन्दिर के दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में भक्त आते है।
त्रियुंड :
त्रियुंड मैकलोडगंज से 9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह जगह बहुत उंचाई पर स्थित है जो मून पीक-इंदेरा पास का शानदार नजारा दिखाती है। त्रियुंड के एक तरफ धौलाधार की पहाड़ी और दूसरी तरफ कांगड़ा घाटी का खूबसूरत दृश्य दिखाई देता है। त्रियुंड, ट्रैकिंग के लिए प्रमुख रूप से प्रसिध्द है। यहाँ एक विश्राम ग्रह बना हुआ है, जहाँ ट्रेकर रात गुजार सकते है। अगर आप थोड़ी देर के लिए शांति चाहते है, तो त्रियुंड सबसे अच्छी जगह है।
डल झील :
डल झील भी मैकलोडगंज का एक खूबसूरत और मनमोहक पर्यटन स्थल है और तोता रानी के गाँव के पास समुद्र तल से १,७७५ मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। यह झील देवदार के पेड़ों के बीच स्थित है। जब आप यहाँ आते है, तो आप महसूस करेगें कि यहाँ आपके मन को शांति और सुकून मिलता है। यह झील के चारों तरफ पेड़ पौधे और हरियाली से सुसज्जित है। इस झील में आप वोट की सवारी कर सकते है। इस झील के पास ऋषि दुर्वासा और शिव मन्दिर स्थित है।
ज्वालामुखी देवी मंदिर :
यह मन्दिर हिंदूओं का पवित्र और आस्था का प्रमुख केन्द्र है। यह मन्दिर माता शक्ति को समर्पित हिमाचल प्रदेश के प्रमुख और प्रसिध्द मंदिरों में से एक है। हर साल इस मन्दिर के दर्शन करने के लिए लाखों की संख्या में भक्त आते है। कहते है कि माता सती की जीभ इस पवित्र स्थान पर गिरी थी और माँ सती ज्वाला के रूप में प्रकट हुई थी, इस ज्वाला का कोई स्रोत दिखाई नही देता है। इसी कारण यह मन्दिर दूर दूर तक प्रसिध्द है।
गुना देवी मंदिर :
गुना देवी मंदिर, मैकलोडगंज से लगभग ३ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह मन्दिर माता काली को समर्पित है और यह एक पहाड़ी पर स्थित है। जहाँ आपको सीढ़ियां चढ़कर जाना पड़ेगा। यह मन्दिर ओक और देवदार के पेड़ों से घिरा हुआ है। इस मन्दिर से आप कांगड़ा घाटी के खूबसूरत और मनमोहक दृश्य भी देख सकते है।
स्थानीय खरीदारी :
मैकलोडगंज अपनी संस्कृति, शिल्प के लिए काफी प्रसिद्ध है। इसीलिए यहाँ आने वाले पर्यटक खरीदारी करना भी पसंद करते हैं। जब आप मैकलोडगंज घूमने के लिए जा रहे है, तो आप वहाँ के बाजारों से अपनी यात्रा को यादगार बनाने के लिए खरीदारी का भी लुफ्त उठा सकते है। यहाँ के बाजारों से आप तिब्बती कालीन, थांगका, पोंचो, जैकेट, चुबा, मुखौटौ, प्रतिमाओ, बैग,फ्रूट और बोतल बंद उत्पाद ताहिनी तथा मुसली की खरीदारी कर सकते है। यहाँ से आप गर्म वस्त्र तिब्बती पनीर तथा चाय, झंडे आदि की खरीदारी भी कर सकते है।
जाने का समय :
अगर आप मैकलोडगंज हिल स्टेशन घूमने के लिए जा रहे है, तो आपको बारिश के मौसम से बचना चाहिए। क्योंकि बारिश के मौसम में आंधी, तुफान, बारिश के कारण भूस्खलन होता रहता है। जिसकी वजह से रास्ते बंद हो जाते है। गर्मियों में मौसम सुखद और सुहावना रहता है। पर्यटक यहाँ गर्मियों की छुट्टीयां बिताने आते है। पर्यटक बड़ी संख्या में शहरी क्षेत्रों की गर्मी से निजात पाने के लिए मैकलोडगंज हिल स्टेशन की ठंडी वादियों में घूमने आते है। अगर आप बर्फबारी का लुफ्त लेना चाहते है, तो आपको अक्तूबर से फरवरी, मार्च में घूमने जाना चाहिए। इस मौसम में आप आसमान से गिरती हुई बर्फबारी को पास से निहार सकते है। सर्दियों के मौसम में यहाँ कड़ाके की ठंड रहती है। इसलिये अगर आप सर्दियों के मौसम में धर्मशाला मैकलोडगंज हिल स्टेशन घूमने के लिए जाये, तो गर्म कपड़े जरूर साथ लेकर जाये।
स्थानीय व्यंजन :
मैकलोडगंज में ज्यादातर तिब्बती व्यंजन का आपको स्वाद मिलेगा, यहाँ तिब्बती संस्कृति का वर्चस्व ज्यादा है। आपको मोमोज, थुकपा, समोसा, सूप और नूडल्स जैसे व्यंजनों का स्वाद मिलेगा। मैकलोडगंज की प्रसिध्द शहद, अदरक, नींबू की चाय का स्वाद मिलेगा। यहाँ के कैफे में पेनकेक्स, ऑमलेट्स और सैंडविच के साथ कई खास तरह का नाश्ता भी मिलता है।
जाने के साधन :
मैकलोडगंज हिमाचल प्रदेश का एक खूबसूरत और शान्तप्रिय जगह है, जिसे घूमने के लिए भारी संख्या में पर्यटक यहाँ आते रहते है। इसीलिए यहाँ पहुँचने के कई तरह के साधन उपलब्ध है। आप हवाई मार्ग, रेल मार्ग या सड़क मार्ग के द्वारा मैकलोडगंज आसानी से पहुँच सकते है।
हवाई मार्ग द्वारा :
मैकलोडगंज के सबसे नजदीक एयरपोर्ट गग्गल एयरपोर्ट, कांगड़ा है। जो मैकलोडगंज से लगभग ३० किलोमीटर के आस पास है। अगर आपको किसी शहर से सीधी उड़ान नही है, तो आप चंडीगढ़ एयरपोर्ट के सेवा ले सकते है। चंडीगढ़ एयरपोर्ट, मैकलोडगंज से लगभग २५० किलोमीटर के आस पास है। यह एयरपोर्ट देश के सभी प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। एयरपोर्ट से आप बस या टैक्सी के द्वारा मैकलोडगंज पहुँच सकते है।
रेल मार्ग द्वारा :
मैकलोडगंज के सबसे निकट रेलवे स्टेशन पठानकोट रेलवे स्टेशन है, जो मैकलोडगंज से लगभग ९० किलोमीटर के आस पास है। यह रेलवे स्टेशन देश के सभी प्रमुख रेलवे स्टेशनों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। रेलवे स्टेशन से आप बस या टैक्सी के द्वारा मैकलोडगंज पहुँच सकते है।
सड़क मार्ग द्वारा :
मैकलोडगंज, हिमाचल प्रदेश के सभी शहरों और आस पास के राज्यों के शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। मैकलोडगंज के लिये परिवहन निगम, प्राइवेट और लग्जरी बसें नियमित रूप से चलती रहती है। आप आसानी से सड़क मार्ग द्वारा मैकलोडगंज बस स्टैंड तक पहुँच सकते है।
आपको अपने लेख के द्वारा मैकलोडगंज हिल स्टेशन को शेयर कर रहा हूँ। आशा करता हूँ कि आपको ये लेख पसंद आएगा। मेरा ये लेख आपकी यात्रा को आसान और सुगम बनाने में बहुत मदद करेगा। आप अपने सपरिवार के साथ मैकलोडगंज हिल स्टेशन का खूबसूरत लुफ्त उठा सकते है। अगर आप कोई और जानकारी चाहते है, तो कमेंट बॉक्स के माध्यम से पूछ सकते है।