रानीखेत, भारत देश के उत्तराखण्ड राज्य के अल्मोड़ा ज़िले में स्थित है। इस स्थान से हिमाच्छादित मध्य हिमालयी श्रेणियाँ स्पष्ट रूप से देखी जा सकती हैं। रानीखेत भारतीय सेना के कुमाऊं रेजिमेंट के मुख्यालय के लिए भी प्रसिद्ध है और यहां कुमाऊं रेजिमेंटल सेंटर संग्रहालय भी बना हुआ है। रानीखेत समुद्र तल से 1824 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अंग्रेजो द्वारा विकसित खूबसूरत हिल स्टेशन है। यह एक ऐसा हिल स्टेशन है, जो हिमालय पर्वत की पहाड़ियों और जंगलों को जोड़ता है। रानीखेत की शांत जलवायु और सरल प्राकृतिक सुंदरता यहां आने वाले पर्यटकों को बहुत ज्यादा आकर्षित करती हैं। रानीखेत, देवदार और बलूत के वृक्षों से घिरा हुआ बहुत ही मनमोहक हिल स्टेशन है। रानीखेत से घूमने के लिए पिण्डारी ग्लेशियर, कौसानी, चौबटिया और कालिका पहुँच सकते है। चौबटिया बाग में फलों के उद्यान के लिए प्रसिध्द हैं। रानीखेत का मुख्य आकर्षण यहाँ विराजती नैसर्गिक शान्ति है। रानीखेत में गोल्फ़ प्रेमियों के लिए एक सुन्दर पार्क भी स्थित है।
रानीखेत की पौराणिक कथा:
कहते है कि इसी स्थान पर कत्यूरी राजा सुधारदेव ने अपनी रानी का दिल जीत लिया था। इस खेत का नाम रानी पद्मिनी के नाम पर रखा गया है। फिर राजा सुधारदेव ने रानी पद्मिनी के लिये इस स्थान पर एक महल बनवाया। जो बाद में उनका निवास स्थान बन गया। अब इस स्थान पर कोई महल नही है। स्थानीय लोगों के अनुसार अंग्रेजों ने यहां अपनी छावनी स्थापित की थी और महल को नष्ट कर दिया था। इसके बाद अंग्रेजो ने इसे एक हिल स्टेशन के रूप में विकसित किया। जिसका नाम वर्तमान में रानीखेत है।
रानीखेत में ट्रेकिंग:
अगर आप रानीखेत घूमने जा रहे है और आप साहसिक खेलों में रुचि रखते है, तो यहाँ पर कई सारे ट्रैकिंग स्पॉट है। जिनका आप लुफ्त ले सकते हैं। चौबटिया बाग से होल्म फार्म तक का ट्रैक सबसे ज्यादा प्रसिध्द है। दूसरे ट्रैक में चौबटिया से भालु डैम और मेघदूत से झूला देवी मंदिर शामिल है।
रानीखेत में पैराग्लाइडिंग:
रानीखेत पैराग्लाइडिंग की वजह से भी बहुत दूर दूर तक प्रसिध्द है और यह पैराग्लाइडिंग ट्रैक, रानीखेत से १२ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। हिमालय की घाटियों में पैराग्लाइडिंग करना एक शानदार और यादगार अनुभव होता है। यहां पहली बार पैराग्लाइडिंग करने वाले लोगों के लिए पैराग्लाइडिंग का टेक-ऑफ पॉइंट आसान और सुविधाजनक है। पैराग्लाइडिंग करने के लिए टैंडेम उड़ान और अकेले उड़ान करने के दोनों विकल्प उपलब्ध हैं।
रानीखेत में गोल्फिंग:
रानीखेत गोल्फ कोर्स रानीखेत का प्रमुख आकर्षण रानीखेत गोल्फ कोर्स है। रानीखेत गोल्फ कोर्स, एशिया के उच्चतम गोल्फ कोर्सों में से एक ९-होल का कोर्स है और यह रानीखेत से ५ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
रानीखेत में फिशिंग:
अगर आप फिशिंग में रुचि रखते है, तो यहाँ के भालू बांध में आप फिशिंग का लुफ्त उठा सकते है। लेकिन इसके लिए आपको पहले वन विभाग से अनुमति लेनी होगी।
वनस्पति और जीव:
रानीखेत विभिन्न प्रकार की वनस्पतियों और वन्यजीवों की प्रजातियाँ पाई जाती है। यहाँ आपको खुमानी, आड़ू, शाहबलूत, बादाम और सेब जैसे फलों और फूलों ऊघान देखने को मिलेगें। यहाँ पर कई तरह की औषधीय जड़ी-बूटियां प्रजातियाँ पाई जाती है। यहाँ पर वन्यजीवों की भी विभिन्न प्रकार प्रजातियाँ पाई जाती है। जिनमे हिमालयन काला भालू, कस्तूरी मृग, ब्लू शिप, गोरल, तेंदुआ के अलावा ग्रे बटेर, काला तितर, व्हिस्लिंग थ्रश, चकोर, चीयर तीतर, मोनाल तीतर और कोक्लास तीतर जैसे पक्षियों के नाम भी शामिल है।
दर्शनीये स्थल:
अगर आप रानीखेत घूमने के लिए जा रहे है, तो आपको आस पास के दर्शनीये स्थल भी घूमना चाहिये। रानीखेत के आस पास कई तरह के प्रमुख और प्रसिध्द दर्शनीये स्थल स्थित है। जैसे,
झूला देवी मंदिर:
रानीखेत मंदिरों के लिए भी प्रसिध्द है। यहाँ का झूला देवी मंदिर ८ वीं शताब्दी में बना हुआ माता दुर्गा को समर्पित मन्दिर है। इस मन्दिर में माँ दुर्गा देवी झूले के ऊपर विराजमान है, इसीलिए इस मन्दिर को झूला देवी मंदिर कहते है। यह मन्दिर रानीखेत से ७ किलोमीटर और ७०० साल पुराना है।
चौबटिया बाग:
चौबटिया बाग, रानीखेत का एक प्रसिध्द और प्रमुख पर्यटन स्थल है और रानीखेत से १० किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह बाग खुमानी, आड़ू, शाहबलूत, बादाम और सेब के लिए प्रसिध्द है।
मनकामेश्वर मंदिर:
इस मन्दिर का निर्माण भारतीय सेना की कुमाऊं रेजिमेंट ने किया था। यह मंदिर कुमाऊँ रेजिमेंट के नर सिंह मैदान से मिला हुआ है। इस मंदिर के सामने एक गुरुद्वारा, तथा एक शाल की फैक्ट्री है।
ताड़ीखेत:
ताड़ीखेत, रानीखेत से ८ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जो गाँधी कुटी तथा गोलू देवता मंदिर के लिए प्रसिद्द है।
द्वाराहाट:
रानीखेत के आस पास दर्शनीये स्थलों में द्वारहाट का एक प्रमुख स्थान है और खूबसूरत मंदिरों के कारण यह एक प्रसिध्द धार्मिक स्थल है। रानीखेत से द्वारहाट लगभग ३५ किलोमीटर के आस पास है। द्वारहाट में कत्यूरी राजाओं द्वारा बनाये गये ५५ ऐतिहासिक और पुरातात्विक मंदिर स्थित है। इन मंदिरों में शक्ति मंदिर, बद्रीनाथ मंदिर, मृत्युंजय मंदिर, नैथना देवी मंदिर, मणियन मंदिर और ध्वज मंदिर इत्यादि की सुन्दरता देखते ही बनती हैं। आप द्वारहाट में आकर रामगंगा नदी और हिमालय की मनोरम और खूबसूरत घाटियों के नैसर्गिक दृश्यों का आनंद ले सकते हैं।
इनके अलावा आप भालू डेम, हैड़ाखान बाबाजी मंदिर, शीतलाखेत, मनिला मंदिर, चितई गोलू देवता मंदिर, छावनी आशियाना पार्क, सनसेट प्वाइंट, खूंट जौरासी और खैराना भी रानीखेत के खूबसूरत पर्यटन स्थल है।
स्थानीय भोजन:
रानीखेत घूमते हुए आप वहाँ के स्थानीय व्यंजन का भी लुफ्त ले सकते है। रानीखेत में आपको स्थानीय व्यंजन के अलावा भारतीय, चीनी, तिब्बती, यूरोपीय और एशियाई व्यंजनों का स्वाद भी मिलेगा। स्थानीय व्यंजन में आपको भांग की खटाई, मिश्रित दाल सलाद, सिसुनक साग (हरी पत्तेदार सब्जियों और कई स्थानीय सामग्रियों से तैयार एक व्यंजन) प्रमुख है। आलू दाल पकोड़ा, यहाँ का सबसे खास और प्रसिध्द व्यंजन है। अगर आप मीठे का लुफ्त लेना चाहते है, तो यहाँ आपको बाल मीठाई, राम मिठाई जैसी स्थानीय मिठाईयों का लुफ्त ले सकते है।
रानीखेत में खरीददारी:
रानीखेत का सबसे ज्यादा प्रसिध्द और प्रमुख मार्केट सदर बाजार है। यहाँ से आप पहाड़ी संस्कृति से जुड़ी वस्तुएं और उत्कृष्ट कढ़ाई वाले कपड़े खरीद कर सकते हैं। आप यहाँ से गर्म कपड़े भी खरीद सकते है। जैसे ट्वीड शॉल, ऊनी शर्ट, जैकेट, कुर्ते और हस्तनिर्मित ऊनी कपड़े इत्यादि किफायती दाम मिल जाएगें।
रुकने के स्थान:
रानीखेत के आस पास रुकने के लिए यहाँ कई सारे होटल उपलब्ध है, जिनमे आपको ए सी व नॉन ए सी दोनों तरह के कमरे मिल जाएगें। यहाँ आपको नॉन ए सी १०००/१२०० और ए सी ३०००/४००० तक में बुक कर सकते है। गर्मियों में पर्यटकों की संख्या ज्यादा होने के कारण कमरा मिलने में दिक्कत हो सकती है, इसलिये कमरे की एडवांस बुकिंग कर लेनी चाहिए।
जाने का समय:
रानीखेत घूमने के लिए आप साल में कभी भी जा सकते है। यहाँ का मौसम साल भर सुखद और सुहाना रहता है। गर्मियों के समय रानीखेत का तापमान १२°c से २७°c रहता है और सर्दियों में ०° c से -१४°c के आस पास रहता है। यह एक अनुमान है, क्योंकि तापमान ऊपर नीचे होता रहता है। जो पर्यटक बर्फबारी का लुफ्त लेना चाहते है, उन्हें सर्दियों में आना चाहिये। लेकिन बारिश के मौसम से बचना चाहिये, क्योंकि बारिश के मौसम में आंधी तुफान और बारिश के कारण जगह जगह भूस्खलन होता रहता है।
जाने के साधन:
अगर आप रानीखेत घूमने का प्लान कर रहे है, यहाँ पहुँचने के लिए आप किसी भी साधन की सेवा ले सकते है। आजकल हर एक सुविधा उपलब्ध है। आप हवाई मार्ग, रेल मार्ग या फिर सड़क मार्ग द्वारा रानीखेत पहुँच सकते है।
हवाई मार्ग द्वारा:
रानीखेत का अपना कोई हवाई अड्डा नही है। रानीखेत के सबसे नजदीक हवाई अड्डा पंत नगर हवाई अड्डा है, जो रानीखेत से ११५ किलोमीटर के आस पास है। यहाँ से आप बस व टैक्सी या कैब के द्वारा रानीखेत पहुँच सकते है। रानीखेत पहुँचने में आपको ३ से ३:३० घण्टे लग जाएगें।
रेल मार्ग द्वारा:
रानीखेत का अपना कोई रेलवे स्टेशन नही है। रानीखेत के सबसे निकट रेलवे स्टेशन काठगोदाम रेलवे स्टेशन है, जो रानीखेत से ८८ किलोमीटर के आस पास है। यह रेलवे स्टेशन देश के सभी प्रमुख रेलवे स्टेशनों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। रेलवे स्टेशन से आप बस व टैक्सी या कैब के द्वारा रानीखेत पहुँच सकते है।
सड़क मार्ग द्वारा:
रानीखेत, उत्तराखंड राज्य के सभी प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। यह राष्ट्रीय राजमार्ग ८७ के द्वारा हर राज्य से जुड़ा हुआ है। इसीलिए रानीखेत के लिये उत्तराखंड के अलावा आस पास के राज्यों से भी बसें नियमित रूप से चलती रहती है। रानीखेत के लिए परिवहन विभाग, प्राइवेट बसें और पर्यटन विभाग की बसें चलती रहती है। आप अपने निजी वाहन से भी रानीखेत पहुँच सकते है। आप अपने सपरिवार के साथ सड़क के रास्ते पहाड़ों की खूबसूरती और कुदरत के प्राकृतिक दृश्यों का आनंद लेते हुए रानीखेत पहुँच सकते हैं।
आपको अपने लेख के द्वारा रानीखेत एक पर्यटन स्थल को शेयर कर रहा हूँ। आशा करता हूँ कि आपको ये लेख पसंद आएगा। मेरा ये लेख आपकी यात्रा को आसान और सुगम बनाने में आपकी बहुत मदद करेगा। आप अपने सपरिवार के साथ रानीखेत एक पर्यटन स्थल घूमने के लिए जा सकते है। अगर आप कोई और जानकारी चाहते है, तो कमेंट बॉक्स के माध्यम से पूछ सकते है।