श्री मोती डूंगरी गणेश जी मंदिर, जयपुर, राजस्थान :


राजस्थान के जयपुर शहर की एक छोटी सी पहाड़ी मोती डूंगरी पर श्री मोती डूंगरी गणेश जी मंदिर स्थित है। यह मन्दिर राजस्थान का सबसे प्रसिध्द, खूबसूरत और आस्था का प्रमुख केन्द्र है। यह मन्दिर भगवान श्री गणेश को समर्पित है और जयपुर के सेठ जय राम पल्लीवाल ने सन् १७६१ में इसका निर्माण किया था। यह मन्दिर जयपुर का सबसे बड़ा श्री गणेश मन्दिर है और यहाँ हर साल लगभग १.२५ लाख भक्त दर्शन करने के लिए आते है। पुराणों के अनुसार भगवान श्री गणेश किसी भी काम का शुभारंभ करने की बुद्धि देते हैं और काम को पूरा करने की शक्ति भी देते है। श्री गणेश सभी बाधाएं मिटाकर अभय देते हैं और सही- गलत का भेद बताकर न्याय भी करते है। भगवान श्री गणेश जी को ज्ञान, बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य का देवता माना जाता है। अपने भक्तों के संकट दूर करने के कारण इन्हें विघ्नहर्ता भी कहा जाता है। कहते है कि अगर किसी भक्त के जीवन में हर तरफ दुख और संकट हो और निकलने का कोई रास्ता ना मिल रहा हो, तो भगवान गणेश की आराधना तुरंत फल देती है। श्री मोती डूंगरी गणेश जी मंदिर में गणेश चतुर्थी, नवरात्र, दशहरा और दीपावली के त्यौहार बड़ी धूम धाम से मनाये जाते है और विशेष तरह के उत्सव होते हैं। श्री गणेश उत्सव के दौरान यहां 50 हजार से ज्यादा भक्त प्रतिदिन दर्शन करने आते हैं। श्री मोती डूंगरी गणेश जी के प्रति जयपुर के लोगों की गहरी आस्था है।

श्री मोती डूंगरी गणेश जी मंदिर का इतिहास :
श्री मोती डूंगरी गणेश जी मंदिर, राजस्थान के जयपुर में मोती डूंगरी की तलहटी में स्थित है और पूरे राजस्थान के लोगों के लिए गहरी आस्था का प्रमुख केन्द्र है। इस मन्दिर की मूर्ति लगभग ५०० साल पुरानी है और इस मंदिर की गणेश मूर्ति को सन् १७६१ में जयपुर के राजा माधौसिंह की रानी के पीहर मावली,गुजरात से लाई गई थी। जयपुर के सेठ जय राम पल्लीवाल इस मूर्ति को लेकर आये थे और इन्हीं की देख रेख में इस मन्दिर का निर्माण हुआ था। कहते है कि सेठ जय राम पल्लीवाल ने यह निश्चय किया कि जिस स्थान पर यह बैलगाड़ी रुकेगी, वहीं इस मूर्ति को स्थापित करेगें। तब यह बैलगाड़ी मोती डुंगरी पहाड़ी के नीचे आकर रुकी, तब सेठ जय राम पल्लीवाल ने इसी स्थान पर मूर्ति स्थापित की और खूबसूरत मन्दिर बनवाया। जो बाद में आस्था का प्रमुख केंद्र बना।

श्री मोती डूंगरी गणेश जी मंदिर की वास्तुकला :
श्री मोती डूंगरी गणेश जी मंदिर लगभग २ किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है और यह मन्दिर ४ महीने में बनकर तैयार हुआ था।  यह मन्दिर नागर शैली को प्रदर्शित करता है। मुख्य मन्दिर के सामने तीन प्रवेश द्वार और कुछ सीढ़ियाँ हैं। यह मन्दिर चूना पत्थर और संगमरमर से बनाया गया है। जो देखने में काफी खूबसूरत लगता है। इस मन्दिर में एक शिवलिंग भी है, जो महाशिवरात्रि की रात को खुलता है। इस मन्दिर के दक्षिणी भाग में एक छोटी पहाड़ी पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का मन्दिर है, जिसे बिरला मंदिर कहते है। यह श्री गणेशजी का एक ऐसा मन्दिर है, जहाँ हनुमानजी की तरह ही सिंदूर का चोला चढ़ता है और भव्य श्रृंगार होता है।

मुख्य उत्सव :
श्रीगणेश जन्मोत्सव :
श्री मोती डूंगरी गणेश जी मंदिर में भगवान श्री गणेश जी का जन्मोत्सव हर साल भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को मनाया जाता है। मन्दिर में ७ दिन पहले पुष्प नक्षत्र में श्रीविग्रह का पंचामृत अभिषेक के साथ जन्मोत्सव का उत्सव शुरू हो जाता है।

मोदक झांकी उत्सव :
श्री मोती डूंगरी गणेश जी मंदिर में श्रीगणेश चतुर्थी से पहले मोदको की झांकी का उत्सव शुरू होता है। इस उत्सव में भगवान श्री गणेश जी को मुकुट माणक और पन्ना युक्त मुकुट धारण कराया जाता है। इस उत्सव में भगवान श्री गणेश जी को मुख्य मोदक 251 किलो के 2 मोदक, 5 मोदक 51 किलो के, 21 मोदक 21 किलो के, 1100 मोदक 1.25 किलो के एवं अन्य छोटे मोदकों अर्पित किए जाते है।

सिंजारा और मेहंदी उत्सव :
श्री गणेश जन्मोत्सव के दौरान सिंजारा और मेहंदी का उत्सव मनाया जाता है। इस उत्सव में मन्दिर के पुजारी परिवार की ओर से भगवान श्री गणेश जी का श्रृंगार किया जाता है। फिर मोती, सोना, पन्ना, माणक से जड़ीत विशेष नौलड़ी का नोलखा हार और स्वर्ण मुकुट पहनाकर  चांदी के सिंहासन पर विराजमान करवाया जाता है। कहते है कि यह मेहंदी बहुत ही शुभ होती है. अविवाहित युवक-युवतियां इस मेहंदी को लगाते हैं, जिससे उनकी जल्दी शादी हो जाए।

दर्शन का समय :
श्री मोती डूंगरी गणेश जी मंदिर प्रतिदिन सुबह ५ बजे खुलता है और दोपहर १ बजे बंद होता है। शाम को ४ बजे पुन: खुलता है और रात १० बजे तक खुला रहता है।

आरती का समय :
श्री मोती डूंगरी गणेश जी मंदिर में नियमित रूप से आरती भी होती है। जैसे,
मंगला आरती सुबह ४ बजे, श्रृंगार आरती सुबह ११:३० बजे, भोग आरती दोपहर २:१५ बजे, संध्या आरती शाम ७ बजे और शयन आरती रात ११:४५ बजे होती है।

प्रवेश शुल्क :
श्री मोती डूंगरी गणेश जी मंदिर के दर्शन करने का किसी भी प्रकार का कोई भी शुल्क नही लिया जाता है।

दर्शनीये स्थल :
अगर आप जयपुर के श्री मोती डूंगरी गणेश जी मंदिर के दर्शन करने के लिए जा रहे है, तो आप मन्दिर के साथ साथ कई और खूबसूरत स्थल घूम सकते है, जो आज तक जयपुर की शोभा को बढ़ा रहे है। जैसे, महारानी की छतरी, रामबाग पैलेस, जयगढ़ किला, हवा महल, सिटी पैलेस, अक्षरधाम मंदिर, बिरला मंदिर, वैक्‍स म्‍यूज‍ियम, अमर जवान ज्योति, रामबाग पैलेस, इत्यादि।

जाने का समय :
अगर आप जयपुर के श्री मोती डूंगरी गणेश जी मंदिर के दर्शन करने के लिए जा रहे है, तो आप बारिश के मौसम से बचें। बारिश के मौसम में धूल भरी आंधी और बारिश के कारण आपको परेशानी हो सकती है। गर्मियों में जयपुर का तापमान 40°C से ऊपर बढ़ जाता जाता है। दर्शन करने का सबसे सही समय अक्तूबर से मार्च का है। इस मौसम में आपकी यात्रा सुखद और सुहावनी रहती है।

जाने के साधन :
अगर आप श्री मोती डूंगरी गणेश जी मंदिर के दर्शन करने का प्लान बना रहे है, तो आप किसी भी साधन के द्वारा मन्दिर पहुँच सकते है। आप हवाई मार्ग, रेल मार्ग या फिर सड़क मार्ग द्वारा मन्दिर पहुँच सकते है। आजकल हर एक सुविधा उपलब्ध है।

हवाई मार्ग द्वारा :
श्री मोती डूंगरी गणेश जी मंदिर के सबसे नजदीक एयरपोर्ट  सांगानेर एयरपोर्ट, जयपुर है, जो श्री मोती डूंगरी गणेश जी मंदिर से लगभग १० किलोमीटर के आस पास है। यह एयरपोर्ट देश के सभी प्रमुख एयरपोर्ट से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। एयरपोर्ट से आप बस, टैक्सी या कैब के द्वारा मन्दिर पहुँच सकते है।

रेल मार्ग द्वारा :
श्री मोती डूंगरी गणेश जी मंदिर के सबसे निकट रेलवे स्टेशन जयपुर रेलवे स्टेशन, जयपुर है, जो श्री मोती डूंगरी गणेश जी मंदिर से लगभग ८ किलोमीटर के आस पास है। यह रेलवे स्टेशन देश के सभी प्रमुख रेलवे स्टेशनों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। रेलवे स्टेशन से आप बस, टैक्सी या कैब के द्वारा मन्दिर पहुँच सकते है।

सड़क मार्ग द्वारा :
श्री मोती डूंगरी गणेश जी मंदिर के लिये परिवहन निगम और प्राइवेट बसें नियमित रूप से चलती रहती है। जयपुर, राजस्थान के अन्य शहरों और आस पास के राज्यों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। जयपुर कई राष्ट्रीय राजमार्गों के द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। जिससे देश के किसी भी कोने से आप जयपुर आसानी से पहुँच सकते है। श्री मोती डूंगरी गणेश जी मंदिर के दर्शन करने के लिए आप अपने निजी वाहन से भी जा सकते है, क्योंकि श्री मोती डूंगरी गणेश जी मंदिर, सड़क मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।

आपको अपने लेख के द्वारा श्री मोती डूंगरी गणेश जी मंदिर, एक नये धार्मिक स्थल को शेयर कर रहा हूँ। आशा करता हूँ कि आपको ये लेख पसंद आएगा। मेरा ये लेख आपकी यात्रा को आसान और सुगम बनाने में आपकी बहुत मदद करेगा। आप अपने सपरिवार के साथ श्री मोती डूंगरी गणेश जी मंदिर के दर्शन करके आशिर्वाद प्राप्त कर सकते है। अगर आप कोई और जानकारी चाहते है, तो कमेंट बॉक्स के माध्यम से पूछ सकते है।

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